- रासायनिक, औद्योगिक, बायोलॉजिकल और न्यूक्लियर आपदाओं के न्यूनीकरण व प्रबंधन पर विशेषज्ञ करेंगे मंथन
- प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ ही किसी भी प्रकार के संभावित खतरों से निपटने की पहले से हो रही तैयारी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इंडस्ट्री को आकर्षित करने के लिए कई नई नीतियां बनाई, जिसमें इंडस्ट्री को तमाम तरह की सहूलियतें, सब्सिडी समेत तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। योगी सरकार की इस पहल को देखते हुए देश और विदेश की नामचीन कंपनियां उत्तर प्रदेश का रुख कर रही हैं। इसके देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औद्योगिक आपदाओं से निपटने, जनहानि को रोकने और इंडस्ट्री को सुरक्षित करने के लिए राहत विभाग को लगातार आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं।
इसी क्रम में राहत विभाग की ओर से 7 मार्च यानी गुरुवार को मॉल एवेन्यू स्थित होटल लेबुआ में एक दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है, इसमें विषय विशेषज्ञ बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण प्रदेश में केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर (सीबीआरएनआई) तथा औद्योगिक आपदाओं से निपटने के लिए गहन मंथन करेंगे।
औद्योगिक आपदा व बचाव पर होगी चर्चा
प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने बताया कि मुखमंत्री योगीनाथ के निर्देश पर एक दिवसीय औद्योगिक आपदाओं के न्यूनीकरण एवं प्रबंधन पर कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में इण्डस्ट्रियल, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल तथा न्यूक्लियर आपदाएं घटित होने की संभावनाओं को कम करने एवं आकस्मिक स्थिति में बचाव कार्य पर मंथन किया जाएगा। इसमें विभाग के लोग, कई संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि, औद्योगिक संगठन तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स सहित तमाम विशेषज्ञ शामिल होंगे।
आपदाओं से निपटने को लेकर योगी सरकार गंभीर
राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश में इण्डस्ट्रियल, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल तथा न्यूक्लियर आपदाओं का खतरा कभी भी आ सकता है। ऐसे में इन आपदाओं से निपटने के लिए योगी सरकार काफी गंभीर है। यही वजह है कि औद्योगिक संस्थानों को इन आपदाओं से सुरक्षित करने, जागरूक करने एवं विभाग को पहले से तैयार रहने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण के साथ इस तरह के आयोजन सुनिश्चित किए जाते हैं। इसी के तहत कांफ्रेंस में औद्योगिक व सीबीआरएनआई आपदाओं के न्यूनीकरण, रोकथाम और प्रबंधन, रासायनिक और औद्योगिक दुर्घटनाओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान व निराकरण पर विचार-विमर्श किया जाएगा। विशेषज्ञ इन विषयों पर मंथन के साथ इन आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर प्रयास पर अपने विचार प्रकट करेंगे।