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Success Story: समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया अपना जीवन, पढ़िए इन 5 महिलाओं की प्रेरणादायक कहानी

Women’s Day 2024: हर साल 08 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाएं समाज का वह हिस्सा है, जिसके बिना किसी समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आज के दौर में महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपनी भागीदारी दे रही हैं और अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं। ऐसे में आज हम आपको पांच ऐसी महिलाओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपना जीवन समाज की सेवा में समर्पित कर दिया।

सुनीता नारायण ने अपना जीवन पर्यावरण के लिए समर्पित किया। इनकी ही तरह सुधा मूर्ति, शाहीन मिस्त्री, हीराबाई इब्राहिम लोबी और नीरजा बिरला ने भी समाज के लिए अपना योगदान दिया है। आइये आपको इनके कार्यों और उपलब्धियों के बारे में बताते हैं।

सुनीता नारायण (Sunita Narayan)

देश और दुनिया में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है। पर्यावरण के क्षेत्र में सुनीता ने काफी योगदान दिया है। सुनीता नारायण को पर्यावरण के क्षेत्र में काम के लिए साल 2005 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। पद्मश्री के अलावा भी उन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने के लिए कई पुरुस्कार मिले हैं। सुनीता नारायण हरित विकास पर जोर देती हैं। वर्तमान में वह ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट’ के डायरेक्टर जनरल का पद संभाल रही हैं।

शाहीन मिस्त्री (Shaheen Mistri)

शाहीन मिस्त्री भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ एक शिक्षक भी हैं। शाहीन मिस्त्री का जन्म 16 मार्च 1971 को मुंबई में हुआ था। वह टीच फॉर इंडिया और आकांक्षा फाउंडेशन की फाउंडर हैं। शाहीन मिस्त्री ने वालंटियर के तौर पर मुंबई की झुग्गियों में काम किया था। उस समय उन्होंने देखा कि यहां के बच्चों का जीवन अन्य से कैसे अलग है। उनके पास साधन नहीं हैं तभी से शाहीन मिस्त्री ने बदलाव के लिए शुरुआत करने का सोचा था। शाहीन मिस्त्री ने 1989 में मुंबई के कोलाबा में बच्चों की कक्षाएं चलानी शुरू की थी। ऐसे ही उन्होंने सामाजिक कार्य की शुरुआत करी थी।

नीरजा बिड़ला (Neerja Birla)

नीरजा बिरला आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट की फाउंडर हैं। वह लैंगिक सामनता में बहुत विश्वास रखती हैं। वह कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों के प्रति बात करती हैं। वह मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करने का समर्थन करती हैं। बता दें कि, नीरजा बिरला का जन्म 15 अप्रैल 1971 में हुआ था। उनके पति का नाम कुमार मंगलम बिरला है।

हीराबाई इब्राहिम लोबी (Hirabai Ibrahim Lobi)

हीराबाई इब्राहिम लोबी ने सिद्दी समुदाय के उत्थान के लिए अपनी पूरी जिंदगी गा दी। हीराबाई लोबी गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के तलाला तहसील के जांबुर गांव की रहने वाली हैं। हीराबाई इब्राहिम लोबी का जन्म 1953 में हुआ था। वह शुरुआत से ही सिद्दी समुदाय की महिलाओं को शिक्षित और सशक्त करने का काम करती हैं। उन्हें 2023 में पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद पहचान मिली है।

सुधा मूर्ति (Sudha Murthy)

सुधा मूर्ति एक लेखिका और समाजसेवी हैं। उन्होंने अपने काम और लेखन से कई लोगों का जीवन बदला हैं। सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं। सुधा मूर्ति ने 1996 में पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की थी। ट्रस्ट ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2,300 से ज्यादा घर बनवाएं हैं। साल 2006 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था और 2023 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

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