PM- Mann Ki Baat: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से बात की। ‘मन की बात’ कार्यक्रम का ये संस्करण युवाओं पर केंद्रित रहा। इस कार्यक्रम में पीएम ने स्पेस टेक स्टार्ट अप गैलेक्स आई की टीम से बात की। इसमें रक्षित भट्ट भी शामिल थे। रक्षित भट्ट कोई और नहीं बल्कि बरेली के ही निवासी हैं। रक्षित के साथ गैलेक्सी आई की पूरी टीम (सूयश, डेनिल, किशन और प्रनित) भी बातचीत के दौरान मौजूद रहे।
रक्षित ने अपने प्रोजेक्ट ‘हाईपरलूप’ के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को बताया। उन्होंने कहा इस तकनीक के जरिए अंतरिक्ष से बादलों के आर-पार दिन और रात में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम इससे देश के किसी भी कोने के ऊपर रोज एक साफ तस्वीर खींच सकते हैं। इसके डेटा का उपयोग देश को विकसित बनाने और देश की सीमाओं, खास तौर से समुद्री सीमाओं को सुरक्षित बनाने में करेंगे। दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रख सैन्य बलों की मदद की जा सकेगी। वहीं उनका मकसद भारत के किसानों को सशक्त बनाना है।’
‘गैलेक्सआई‘टीम से पीएम मोदी की बातचीत के कुछ अंश
प्रधानमंत्री: Hello!
सभी युवा: Hello!
प्रधानमंत्री: नमस्ते जी!
सभी युवा(एक साथ: नमस्कार सर!
प्रधानमंत्री: अच्छा साथियो, मुझे ये देखकर खुशी होती है कि IIT-Madras के दौरान हुई आपकी दोस्ती आज भी मजबूती से कायम है। यही वजह है कि आपने मिलकर GalaxEye शुरू करने का फैसला किया। और मैं आज जरा उसके विषय में भी जानना चाहता हूं। इस बारे में बताइए। इसके साथ ही ये भी बताएं कि आपकी टेक्नोलॉजी से देश को कितना लाभ होने वाला है।
सूयश: जी मेरा नाम सूयश है। हम लोग साथ में जैसा आपने बोला। सब लोग साथ में IIT-Madras में मिले। वहीं पर हम लोग सब पढ़ाई कर रहे थे, अलग-अलग years में थे। अपनी Engineering की। और उसी वक्त हम लोगों ने सोचा कि एक Hyperloop नाम का एक project है। जो हम लोग चाहते थे,साथ में करेंगे। उसी दौरान हमने एक टीम की शुरुआत की उसका नाम था ‘आविष्कार हाइपरलूप’ (Avishkar Hyperloop) जिसको लेकर हम लोग अमेरिका (America) भी गए। उस साल हम एशिया की इकलौती टीम थी, जो वहाँ गई और हमारे देश का जो झंडा है। उसको हमने फहराया। और हम टॉप 20 टीम में से थे जो out of around 1500 (Fifteen hundred) teams around the world।
प्रधानमंत्री: चलिए! आगे सुनने से पहले इसके लिए तो बधाई दे दूं।
सूयश: बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। उसी उपलब्धि के दौरान हम लोगों की दोस्ती काफी गहरी हुई और इस तरीके के कठिन प्रोजेक्ट्क्स और टफ प्रोजेक्ट्स करने का कॉन्फिडेंस भी आया। और उसी दौरान SpaceX को देख के और स्पेस में जो आपने जो Open up किया एक privatization को जो 2020 में एक landmark decision भी आया। उसको लेकर हम लोग काफी excited थे। और मैं रक्षित को invite करना चाहूंगा बोलने के लिए कि हम क्या बना रहे हैं ? और उसका फायदा क्या है?
रक्षित: जी, तो मेरा नाम रक्षित है। और इस टेक्नोलॉजी से हमको कैसे लाभ होगा ? मैं इसका उत्तर दूँगा।
प्रधानमंत्री: रक्षित आप उत्तराखंड में कहाँ से हैं?
रक्षित: सर मैं अल्मोड़ा से हूँ।
प्रधानमंत्री: तो बाल मिठाई वाले हैं आप?
रक्षित: जी सर। जी सर। बाल मिठाई हमारी फेवरेट है।
प्रधानमंत्री: वो हमारा जो लक्ष्य सेन है, न, वो मेरे लिए रेगुलर बाल मिठाई खिलाता रहता है मुझे। हाँ रक्षित बताइये।
रक्षित: तो हमारी जो ये टेक्नोलॉजी है, ये अंतरिक्ष से बादलों के आर-पार देख सकती है और ये रात्रि में भी देख सकती है तो हम इससे देश के किसी भी कोने के ऊपर रोज एक साफ तस्वीर खींच सकते हैं। और ये जो डाटा हमें आएगा इसका उपयोग हम दो क्षेत्रों में विकास करने के लिए करेंगे। पहला है, भारत को अत्यंत सुरक्षित बनाना। हमारे जो बॉर्डर्स हैं और हमारे जो ओशन हैं, सीज हैं, उसके ऊपर रोज हम मॉनिटर करेंगे। और दुशामों की एक्टिविटी को मॉनिटर करेंगे और हमारी सेनाओं को इंटेलिजेंस प्रोवाइड करेंगे। और दूसरा है भारत के किसानों को सशक्त बनाना। तो हमने एक प्रोडक्ट बनाया है भारत के झींगा किसानों के लिए जो अंतरिक्ष से उनके पोंड्स के पानी की क्वालिटी मेजर कर सकता है (1/10th of the current cost) में। और हम चाहते हैं आगे जाते हुए हम दुनिया के लिए बढ़िया क्वालिटी की सेटेलाईट तस्वीरें गेनेरेट करें और जो बढ़िया डाटा प्रोवाइड करें।
प्रधानमंत्री: इसका मतलब हुआ कि आपकी टोली जय जवान भी करेगी, जय किसान भी करेगी।
रक्षित: जी सर, बिल्कुल।
प्रधानमंत्री: साथियो, आप इतना अच्छा काम कर रहे हैं, मैं ये भी जानना चाहता हूँ कि आपकी इस टेक्नोलॉजी का precision कितना है ?
रक्षित: सर हम less than 50 centimeter के resolution तक जा पाएंगे। और हम एक बार में approximately more than 300 square kilometer area को image कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री जी: चलिए, मैं समझता हूँ कि ये बात जब देशवासी सुनेंगे तो उनको बड़ा गर्व होगा।
देश में रहकर देश के लिए कुछ करना ही था रक्षित का विजन: पिता मुकुल भट्ट
वहीं, बेटे रक्षित की इस उपलब्धि पर पिता मुकुल भट्ट का भी मान बढ़ाया है। मुकुल भट्ट ने बताया कि उन्हें दोस्तों से पता चला कि उनका बेटा टीवी पर है और प्रधानमंत्री से बात कर रहा है। बातचीत में उन्होंने बताया, ‘मैं रामनगर में एक कार्यक्रम में था और मुझे कुछ पता ही नहीं था। मुझे फ्रेंड का कॉल आया और तब मुझे इसकी जानकारी मिली। रक्षित की शुरुआती पढ़ाई बरेली के बिशप कोनार्ड स्कूल से हुई थी। उन्होंने आईआईटी मद्रास में पढ़ाई की और फिर दोस्तों साथ साल 2018 में स्टार्ट अप शुरू किया था। रक्षित बेंगलुरू में हैं।’ मुकुल बताते हैं कि शुरू से ही रक्षित का विजन था कि देश में रहकर देश के लिए कुछ करना है। उन्होंने बताया, ‘जब रक्षित अमेरिका गया तो मैंने उससे बात की और जानने की कोशिश की कि उसके मन में क्या चल रहा है। उस वक्त भी उसका यही कहना था कि देश के लिए ही कुछ करना है।’
‘बच्चों को पैशन फॉलो करने की प्रेरणा दें’
बेटे की उपलब्धि को जान गद-गद हुए मुकुल भट्ट का कहना है कि बच्चों पर प्रेशर मत डालिए, उन्हें जो अच्छा लगे करने दीजिए, जिसमें मन लगे उस काम को करने दीजिए। कठिनाइयां जरूर आयेंगीं लेकिन सफलता भी जरूर मिलेगी। पैशन को फॉलो करें। आज सरकार भी स्टार्टअप को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रही है। माता-पिता का साथ मिले, लक्ष्य निर्धारित कीजिए और सरकार की मदद से उसको प्राप्त कीजिए, आप जरूर सफल होंगे।